दो महीने के भीतर गुलदार के तीन बड़े हमले, देहरादून में आतंक का पर्याय बना आदमखोर गुलदार
देहरादून के आसपास के इलाकों में आदमखोर गुलदार की दहशत खत्म होने का नाम नहीं ले रही। सिंगली गांव में एक मासूम को निवाला बनाने के बाद, कैनाल रोड में भी एक बच्चा गुलदार के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। वन विभाग गुलदार को पकड़ने में जुटा था और लग रहा था कि शायद अब गुलदार शांत है मगर बीते दिन फिर गुलदार ने गलज्वाड़ी के पास जंगल में स्थित गुज्जर बस्ती में 10 साल के बच्चे को निवाला बना लिया।
बच्चे की मौत के बाद गलज्वाड़ी, सिंगली समेत समूचे इलाके में एक बार फिर गुलदार की दहशत फैल गई। वन विभाग ने इस इलाके में कई जगह गुलदार को पकड़ने के लिये पिजरे लगाये हैं मगर अभी तक गुलदार पकड़ से बाहर है।
गलज्वाड़ी से लगा ये घने जंगल का इलाका है जहां गुजर बस्ती है, यहां सर्दियों में गुजरों का ढेरा रहता है, यहीं पर गुलदार ने एक 10 साल के नन्हे बच्चे पर हमला किया और उसकी मौत हो गई।
मराड़ी में गुजरों की इस बस्ती के आस-पास वन विभाग की कॉबिंग चल रही है। यहां पशु चिकित्सक, वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों ने कल से ढेरा डाला हुआ है। वन विभाग के एसडीओ अनिल रावत ने ये भी बताया कि ऐसी संभावना है कि ये वही गुलदार हो सकता है जिसने सिंगली गांव में हमला किया था। ऐसे में अगर गुलदार को गोली मारने के आदेश भी मिलते हैं तो उसके लिये भी फोर्स तैयार है।
बहरहाल जगल के आसपास गुलदार का खतरा बना हुआ है। यहां लोगों ने शाम ढलते ही घरों से निकलना बंद कर दिया है।